________________ ( 198) प्रसिद्ध है / अचलगढ़ गाँव के नीचे के हिस्से में एक छोटी बगीची और छोटा तालाव भी है / यहाँ के कारखाने में सब बात का शुभीता होने पर भी यात्री रात नहीं रहते, किन्तु पूजा करके वापिश देलवाड़े आकर ठहरते हैं। अचलगढ़ से दो मील उत्तर में अोरिया नामका गाँव है / यहाँ महावीरस्वामी का मन्दिर है-जिसमें मूलनायक श्रीमहावीर भगवान् , उनके आजू बाजू पार्श्वनाथ और शान्तिनाथ की मूर्तियाँ बिराजमान हैं। यहाँ से 3 मील सब से ऊंची और विकट चढ़ाववाली पर्वत की गुरुशिखर नामक चोटी है / जिसपर दत्तात्रय के चरणचिह्न हैं और इस पर कई बावे पड़े रहते हैं / इसके सिवाय गौतम, गोमुख और वास्थानजी आदि वैष्णवों के मी कई धर्मस्थान हैं, जहाँ हजारों वैष्णवयात्री आते हैं। वास्थानजी में 18 फीट लम्बी, 12 फीट चौड़ी और 6 फीट ऊंची एक सुन्दर गुफा है, जो देखने लायक है / 101 अनादरा___ आबू पहाड़ के नीचे पहाड़ से 1 मील दूर यह छोटा गाँव है / इसमें श्वेताम्बर जैनों के 40 घर, एक उपासरा, दो धर्मशाला और एक प्राचीन जिनमन्दिर है। मन्दिर में श्री ऋषभदेव भगवान की मूर्ति स्थापित है / आबूरोड़ की सड़क नहीं थी, उस समय यात्री इसी रास्ते होकर पहाड़ पर जाते थे / देलवाहावाले वस्तुपाल के मन्दिर के शिला-लेख में जो विक्रम सं० 1287 का है, इस गाँव का नाम ' हंडाउद्रा' मिलता है /