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________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा (101) निकला तो इसका जहाज अमेरिका की भूमि से जा लगा / अतएव यही अमेरिका का पता लगाने वाला माना जाता है। प्राणान्तक-प्राण ले लेने वाला। KAKes पाठ 28 वाँ अन्योक्तियां (वैश्य) वारे को तू वनिक है सौदा लै इहि हाट / चौमुख बनी बजार है बहु दुकान को ठाट / बहु दुकान को ठाट कोऊ सांची कोऊ झूठी / पाकी भांति विचार वस्तु लै बड़ी अनूठी // बरनै 'दीनदयाल' खोउ धन वृथा न प्यारे!। घर आवेगो काम इते सब लूटन वारे // (किमान) पाही भांति सुधारकै, खेत किसान विजोय / न तु पीछे पछतायगो समै गयो जब खोय // समै गयो जब खोय नहीं फिर खेती है है / लै है हाकिम पोत कहा तब ताको दैहै // बरनै 'दीनदयाल' चाल तजि तू अब पाही। सोउ न सालि सम्हालि बिहंगनितें बिधि आछी॥
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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