SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 568
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (100) सेठिया जैन ग्रन्थमाला जहां उनके पिता या अन्य बंधुगण तम्बाकू पी रहे हों तो वहां उनका दम घुटने लगता है। ___ लोग पूछेगे कि यदि तम्बाकू ऐसी विषैली वस्तु है तो इसके पोने वाले सभी लोग मर क्यों नहीं जाते ? इसका कारण यह है कि वे धीरे धीरे ऐसी आदत डालते हैं और जब शरीर अभ्यासवश उसको सहन करने योग्य हो जाता है तो उन्हें कुछ कष्ट मालूम नहीं होता। इसी प्रकार अनेक विषैली चीजें जो त्याज्य हैं लोग धीरे धीरे उनके दास हो जाते हैं। जैसे धतूरा, भांग, चरस, गांजा, अफीम, कोकीन तथा सखिया इत्यादि विषैली चीज़ों का अभ्यास भी मुख लोग करते हैं / संखिया तो प्राणान्तक विष ही है। इन्हें यदि पहली बार ही अधिक मात्रा में खाले या पीले तो मनुष्य तुरंत मर जाय / इसीलिए मूर्ख और नशेबाज़ इनका धीरे धीरे अभ्यास डालते हैं। परन्तु इसका यह अर्थ नहीं हैं कि धीरे धीरे सेवन का अभ्यास करने वाले हानि नहीं उठाते / तम्बाकू या इसी प्रकार की अन्य जहरीली चीजों का सेवन करने वाला जल्दी मर जाता है / उसे तपेदिक, दमा,कफ, खांसी आदि अनेक बीमारियां धर दबाती हैं। इसलिए हे बच्चो ! तुम कभी किसी के बहकावे या लालच में पाकर तम्बाकू या अन्य किसी नशे का सेवन न करना। कठिन शब्दों के अर्थ फेशन- चाल, बिना लाभ हानि का विचार किये दूसरों की नकल करना। कोलम्बस- यूरप के स्पेन देश का निवासी था / यह भारतवर्ष को खोजने
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy