SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 509
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा (41) कठिन शब्दों के अर्थ - सर्वोपरि- सबसे बड़ा, सब के ऊपर / अनभिज्ञता- अज्ञान, जानकारी न होना / जयचंद- कन्नौज का राजा जिसने महाराज पृथ्वीराज से बदला लेने के लिये विदेशी बादशाह मुहम्मद गोरी को इस देश पर आक्रमण करने को बुलाया श्रुति- वेदादि / स्मृति- पुराण इत्यादि / वेत्ता-जानने वाला, ज्ञाता / पारलौकिक-परलोक सम्बंधी / जलमग्न- जल से डूबी / तत्क्षणा- उसी दम / -- marriage पाठ 13 वाँ। स्वर्गीय सङ्गीत . पुरुष ही पुरुषार्थ करो उठो। पुरुष क्या पुरुषार्थ हुश्रा न जो, हृदय की सब दुर्बलता तजो / प्रबल जो तुममें पुरुषार्थ हो, सुलभ कौन तुम्हें न पदार्थ हो // प्रगति के पथ में विचरो, उठो, पुरुष हो पुरुषार्थ करो, उठो // 1 // न पुरुषार्थ बिना कुछ स्वार्थ है , __न पुरुषार्थ बिना परमार्थ है। समझ लो यह बात यथार्थ है कि पुरुषार्थ वही पुरुषार्थ है। भुवन में सुखशान्ति भरो उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो , उठो // 2 //
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy