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________________ [38] सेठियाजैनग्रंथमाल www पूर्वक ले आया। अन्त में राजा ने असलियत को जान कर कोटपाल को देश निकाला दिया, और सर्वस्व हरण कर लिया। सच है-पाप का फल शीघ्र ही भोगना पड़ता है। प्रश्नावलीलोक कितने हैं ? भरतक्षेत्र कौन कहलाता है ? नम्बूद्वीप में कितने क्षेत्र हैं ? नागदत्त का सूली और तलवार से प्राणान्त क्यों नहीं हुआ? पाठ चौदहवाँ. घमण्डी का सिर नीचा. किसी नगर में एक संन्यासी रहता था। उसकी स्मरणशक्ति बहुत तेज़ थी / वह एक वार जो बात सुन पाता, उसे याद कर लेता था। उसके पास खोरक नामक एक चांदी का वर्तन था। एक दिन अपनी बुद्धि के घमण्ड में आकर उसने प्रतिज्ञा की-"जो कोई मुझे नई बात सुनावेगा,उसे यह वर्तन देदूंगा"। परन्तु उसे कोई भी नई बात नहीं सुना सका / क्योंकि जो कोई नई बात सुनाता वही उसे याद हो
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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