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________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा hch से मनुष्य हलका पड़ता है. उसकी निन्दा होती है, उसका पतन होता है। इसलिए झूठ बोलना छोड़ देना चाहिये। भले मनुष्य को चाहिए कि कभी झूठ न बोले, चाहे कैसी ही मामूली या हँसी की बात क्यों न हो। आंधी से जिस प्रकार बड़े बड़े वृक्ष उखड़ कर गिर जाते हैं. उसी तरह झूठ से समस्त पुण्यों का नाश हो जाता है / जैसे वदपरहेज़ी करने से रोग उभड़ आता है वैसे ही झूठ बोलने से बैर झगड़े अविश्वास आदि दोष फूट निकलते हैं। ___डर से अथवा दूसरे को खश करने के लिये कभी झूठ न बोलना चाहिए / सचाई. सम्यग्ज्ञान और मम्यक चारित्र की नींव है / इसलिये जो सत्य बोलते हैं, उनके चरणों की रज मे पृथ्वी पवित्र होजाती है। सचा मनुष्य सदा निडर प्रसन्न और सुखी रहता है। कहावत भी है- "मांच को आंच नहीं"। इसके विपरीत, झूठे मनुष्य के दिल में सदा धुकपुक लगी रहती है, वह प्रसन्न नहीं रह सकता,और सदा दुखी रहता है / इसलिये हमें चाहिये कि हम सदा
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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