________________ (24) सेठियाजेनग्रन्थमाला फटने के पहले ही उठ जाना अच्छा है- रात को जल्दी सोना और सवेरे जल्दी उठना स्वास्थ्य-प्रद है / दिन में नहीं सोना चाहिए; क्योंकि दिन में सोने से वात पित्त कफ और रक्त कुपित हो जाते हैं और उन के कुपित होने से अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं; इसलिए किसी विशेष कारण विना ग्रीष्म ऋतु को छोड़कर और किसी ऋतु में दिन में न सोना चाहिए / बहुत ही छोटे बच्चे को दिन रात का अधिक भाग सोने में विताना मावश्यक है, बारह वर्ष के आस पास के बालक बालिकाओं को करीब नौ घंटे भौर. पूरे मादमी को सात घंटे के लग भग सोना हितकारी है / जैसे अधिक सोना अहितकर है, वैसे ही कम सोना भी हानिकारक है। 60 तुम्हें जिसका भरोसा न हो और उस की चीज खानी या पीनी पड़े तो विना परीक्षा किये उसे न खाओ पीयो। क्योंकि कई लोग धोखे से विष-मिश्रित चीजें खाकर प्राण खो चुके हैं। इसलिए हम खाने पीने की चीजों में "विष" पहचानने की सरल तरकीबे नीचे लिखते हैं। . 61 जलता हुमा अंगारा लो, जो कुछ खाने पीने की चीजें हो, उन में से जरा जरा सा उस अंगारे पर डालो। यदि उन चीजों में विष होगा तो आग चट चट करने लगेगी, या उस अंगारे में से मोरकी गर्दन के माफिक नीली नीली ज्योति निकलने लगेगी, यह ज्योति दुःसह और छिन्न- भिन्न होगी ! इस में से धुआँ बड़े जोर से उठेगा और जल्दी शान्त न होगा।