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________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा (47) तो वह लूाट मेंढ़े को मारेगा / जलती लकड़ी मारने से उसकी ऊन जलने लगेगी। ऊन जलने से वह घबराकर अपने थान पर पायगा। वहां घास होगी तो घास में भी आग लग जायगी / घास में आग लगने से गोशाला में, और गोशाला में आग लगने से घुड़माल में आग लग जायगी। कितने ही घोड़े मर जायँगे और कितने ही भुंज जायँगे। राजा उन भुंजे हुए घोड़ों की दवा के लिये वैद्य को बुलावेगा और बैद्य आयुर्वेद के अनुसार बन्दर का तेल बतावेगा। तय हम लोगों की अवश्य मृत्यु होगी। इसलिए हमें यह स्थान छोड़कर, दूसरी जगह चल देना चाहिये / कहा भी है कि जहां रोज़ रोज़ कलह हो वह स्थान छोड़ देना चाहिये / बूढ़े बन्दर की बात सुनकर सब बन्दर कहने लगे- बाबाजी ! मालूम होता है आप को यह मौज अच्छी नहीं लगती। हम लोगों को जंगल में ले जाकर कडुवे और खट्टे फल खिलाना चाहते हो ! बुढ़ा बन्दर यह बात सुन बड़ा दुःखी हुआ। वह शेला-अरे मूर्यो! मेरी बात पीछे याद आवेगी, तब तुम अवश्य पछताओगे। 1 अधजली लकड़ी।
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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