________________ (3) सेठियाजैनग्रन्थ मानो A man romanamanner सेठजी बड़े उदास हुए / वह एक अनुभवी पादमी के पास गए और उससे सलाह पूछने लगे / उस अनुभवी आदमीने कहा-रातके समय इस गांव के सब अन्धे एक जगह इकट्ठे होते हैं। वे आपस में अपना कमाया हुआ धन एक दूसरे को दिखलाया करते हैं। तुम वहां जाना और जब वह अन्धा दूसरों को मोहर दिखावे, नब उसे उठा लेना / अन्धा समझेगा, दूसरे अन्धे ने मोहर उठाई है। तुम अपने घर चल देना / सेठ को यह सलाह पसन्द आई / उसने ऐसा ही किया। .. से किसी जगह सब अन्धे इकट्ठे होकर अपनी 2 कमाई की बात कह रहे थे। मोहर वाला अन्धा अपनी चतुराई की बात कह कर, दूसरे अन्धे को मोहर दिखाने लगा। सेठ जी वहां ही खड़े थे / ज्यों ही अन्धे ने हाथ पसारा, त्यों ही सेठजी ने मोहर उठा 'ली / अन्धे ने समझा दूसरे अन्धे ने मोहर उठाई है। जब दूसरा अन्धा बोला- अपनी मोहर क्यों नहीं दिखाते हो ? तय पहिले अन्धे को बड़ा गुस्सा आया वह बोला- अभी तुमने मेरे हाथ से मोहर उठाली है, और कहते हो क्यों नहीं दिखाते ? बस फिर क्या था,