________________ (14) तीजा जेठ महीना प्यारे, परेशान गरमी के मारे। . अषाढ़ मास चौथे भाजारे ! .खुश हो जावें कृषक विचारे॥ फिर श्रावण की हुई बहार, प्राया राखी का त्यौहार / भादों में पयूषण यार !, -पानी बरसे मूसलधार // हैं प्रासौज सात घाए, साथ दशहरा हैं ये लाए। अष्टम कातिक दीप जलाए, महावीर निर्वाण सिधाए // नवचे मगसिर का अवतार, ब्याह शादियों की भरमार / दसवें पौष शीत की मार, 'सी-सी' करवाती है यार ! //