________________ शिक्षा है और दानी के यशोगान करने के लिए शा सन के देवता आकर्षित होते हैं। 276 हमारे लिए दौलत है,दौलत के लिये हम नहीं हैं, दौलत के लिए जीवन गवाना मात्मा - को गँवाने बराबर है। 277 " अपनी करनी पार उतरनी, जैसा देना वैसा लेना, इस हाथ दे उस हाथ ले" इन अनुभूत ... वाक्यों का सदा स्मरण रक्खो। 278 लक्ष्मी चंचल है, प्राण पाहुना (मेहमान) है, जवानी जाने को ही है, आयुष्य अस्थिर है, धैर्य का स्थान एक धर्म ही है। 276 अतीत काल का सोच न करना चाहिए, आ. गामी का विश्वास न करना चाहिए और वर्त मान को व्यर्थ न जाने देना चाहिए। 280 मृत्यु एक क्षण भर भी नहीं भेगी, लालच से - ललचायगी नहीं, अतः कल करना हो, सो आज-अभी करो। 281 जरी के वस्त्र और हीरा माणिक के अलंकारों