________________ शिक्षा [25] / सो सच्ची' किन्तु जो सच्चा सो मेरा' यह वि चारना चाहिए। 224 आत्तध्यान और रौद्र ध्यान का त्याग करना चाहिए। 225 सर्व जीवों से मैत्री भाव, गुणवान् पुरुषों में प्रमोद (हर्ष), दुखियों पर दया और शत्रुता करनेवालों पर मध्यस्थभाव धारण करना सद्भाव है। 226 दुःखिनी विधवाओं के उष्ण आंसुओ को शान्त करना अर्थात् दुष्टों के अत्याचारों से बचा कर उन के शील धर्म आदि की रक्षा करते हुए सुख पहुँचाना, और दुखी बुभुक्षित निराधार बालकों का अन्न वस्त्र से पोषण करना परम धर्म है। 227 याद रक्खो! अांख बन्द होने बाद तुम्हारा कुछ . ... नहीं है। 228 विषयासक्त मनुष्य सदा दुःखी रहता है। 226 एक सुयोग्य माता सौ शिक्षकों का काम देती है। 230 जैसा कहना आता है वैसा करना भी आता है।