________________ सेठिया जैन ग्रन्थमाला में लगनेसे गलतियां हो जाती हैं / 28 समस्त जीव, सत्त्व, प्राण, भूतों को न मारना चाहिए / दया रखनी चाहिए। 26 असमय में घर से बाहर न निकलना चाहिए। 30 जहां दो आदमी बात कर रहे हों, वहां न जाना चाहिए। 31 जहां मित्रता हो, वहां कर्ज न लेना चाहिए / लेने से यदि चुक न सके तो रंज होता है और मित्रता टूट जाती है। 32 लेन देन में साहूकारी रखनी चाहिए, इससे साख शोभा इज्जत और आयरू बढ़ती है। 33 सदा निडर न रहना चाहिए, संसार का डर चाहिए। 34 अकेली स्त्री के पास खड़ा न रहना चाहिए। 35 ऐसे मनुष्य का साथ न करना चाहिए, जो बोलने से बंद न हो, अर्थात् सदा कुछ न कुछ बकता रहे। 36 पराधीनता में पड़ने पर भी अपने शील को दृढ़ रखना चाहिए। 37 सिटल विटल से अर्थात् धर्मच्युत से प्रेम न