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________________ (112) सेठियाजैनप्रन्थमाला लो, एक जगह तो सुगंध आवेगी मन प्रसन्न होगा और दूसरी जगह कपड़े काले होंगे या चिनगारियाँ उड़ उड़ कर कपड़े और शरीर को जलावेंगी। 76 जो अवसर और समय देखकर काम करता है, वह सफल होता है। जैसे समय पर बीज बोने वाला किसान सफल होता है। ___ 77 आंख और कान में चार अंगुल का ही अन्तर है, लेकिन सुनी और देखी हुई बात में बड़ा भारी अन्तर हो जाता है; इसलिए किसी से सुनी हुई बात पर विना जांच किये एक दम विश्वास न कर लेना चाहिए। ... 78 हर एक बात उतनी ही करनी चाहिए, जितनी देखी या सुनी हो, घट बढ़ से काम बिगड़ जाता है / जैसे न्यूनाधिक वर्षा होने से खेती नष्ट हो जाती है। 76 कठोर वचन पत्थर के समान है, जिससे लोगों का दिल टूट जाता है और उसकी चोट से उमर भर के पाले हुए सेवक भी अपने स्वामी को छोड़ जाते हैं और मीठे वचन एक मीठे जल के झरने के समान है, जिसकी ओर मनुष्य तो क्या पशु भी दौड़े चले भाते हैं। 80 किसी मनुष्य को ऊपर से अच्छा देख कर यह न समझ लेना चाहिए कि वह भीतर से भी अच्छा होगा। जैसे
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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