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________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (66) अतिसार वाले को देने का निषेध, यकृत की पुरानी पीड़ा में हित कारक. 2 पक्का आम-- गुरुपाक, मल भेदक, पुष्टिकारक / रेसा रहित आम पुराने यकृत की पीड़ा में यदि ज्वर न हो, तो दिया जाता है। 3 अनार वा वेदाना- मधुर, लघु, स्निग्ध, बलकारक, मुँह को साफ करता और त्रिदोष नाशक है / अतिसार रोग में हितकारक है / खट्टा अनार गुण युक्त कफ दोष वाले रोगी को निषेध है, किन्तु वह भी रुचिकारक और तृष्णादोष नाशक है। ___4 सेव- वात पित्त- नाशक, पुष्टिकारक, कफकारक, भारी, पाक में और रस में मधुर, शीतल, रुचिकारक और बलवर्धक। . 5 हर्र- गरम हल्की और रसीली है / श्वास कास (खांसी) प्रमेह, बवासीर और पेट के सब रोगों को दूर करने वाली, खाज, संग्रहणी, कब्जियत, विषम ज्वर, गोला, अफारा, फोड़ा, हिचकी में लाभ कारक है। 6 नारंगी- मीठी, खट्टी, अग्निदीपक, वातनाशक / दूसरे प्रकार की नारंगी खट्टी, बहुत गर्म, मुश्किल से पचने वाली, वातनाशक और दस्तावर है। . 7 कागजी नींबू- खट्टा, वातनाशक, दीपन, पाचन और हलका है / कीड़ों को नाश करने वाला, पेट का दर्द आराम करने
SR No.023532
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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