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बेइंद्री नी सात लाख कुल कोटी, तेइंद्रानी आठ लाख कुल कोटी, चोइंद्री नी नव कुल कोटी, मनुष्यनी बार लाख कुल कोटी, तिथंच पंचेंद्री ना पांच भेद || जलचर नी साडीबार लाख कुल कोटी, थलचर नी दस लाख कुल कोटी, खेचर नी बारलाख कुल कोटी, उरपरिसर्पनी दस लाख कुल कोटी, भुजपरिसर्प नी नव लाख कुल कोटी सर्व एक क्रोड अने साठी सत्ताणु लाख कुल कोटी जाणवी ॥
॥ हवे ओगणत्रीसमुं अल्प बहुल द्वार कहे छे ||
सर्वथी गर्भज मनुष्य थोडा, तेथी बादर अभि ना जीव असंख्याता गुणा, तेथी वैमानिक ना जीव असंख्याता गुणा, तेथी नारकी ना जीव असंख्यता गुणा, अधिक । तेथी व्यंतर ना जीव असंख्याता गुणा, तेथी योतिषना जीव असंख्या ता गुणा । तेथी चौरिंद्री ना जीव असंख्याता