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________________ ३८ मोग्गरपाणिस्स भगवओ कल्लाकलिं [जाव] कप्पेमाणे विहरामि । तं जइ णं मोग्गरपाणी जक्खे इह संणिहिए होते, सेणं किं ममं एयारूवं आवई पावेज्जमाणं पासते ? । तं नत्थि णं मोग्गरपाणी जक्खे इह संणिहिए । सुव्वत्तं णं एस कट्ठे । 39 तए णं से मोग्गरपाणी जक्खे अज्जुणयस्स 5 मालागारस्स अयमेयारूवं अब्भत्थियं [जाव] वियाणेत्ता 75 अज्जुणयस्त मालागारस्स सरीरयं अणुष्पविसर । अणुप्पविसित्ता तडतडतडस्स बंधाई छिंदइ । छिंदित्ता तं पलसहस्सणिफण्णं अयोमय मोग्गरं गेण्हइ । गेण्हित्ता ते इथिसत्तमे पुरिसे धाएइ । तए णं से अज्जुणए मालागारे 10 मोग्गरपाणिणा जक्खेणं अण्णाइट्टे समाणे रायगिहस्स नगरस्स परिपेरंतेणं कल्लाकलि छ इत्थिसत्तमे पुरिसे areमाणे विहरs | रायगिहे नयरे (सिंघाडग० [जाव] महापहृपहेसु) बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खर [४] । " एवं खलु 15 देवाणुप्पिया ! अज्जुणए मालागारे मोग्गरपाणिणा अण्णाट्ठे समाणे रायगिहे नयरे बहिया छ इत्थिसत्तमे पुरिसे घाटमाणे " विहरइ । "" 20" तर णं से सेणिए राया इमोसे कहार लद्धट्ठे समा कोडुंबिय [0] सहावेइ | सहावेत्ता एवं वयासी । एवं खलु देवाणुप्पिया ! अज्जुणए मालागारे [जाव] घामाणे [जाव] विहरइ । तं मा णं तुब्भे केइ कट्टुस्स वा तणस्स वा पाणियस्स वा पुप्फफलाणं वा अट्ठाए सहरं निग्गच्छउ । मा णं तस्स सरीरस्स वावत्ती भविस्स | " 75 AB वियाणित्ता while E वियाणेत्ता 76. Some Mss repeat घाएमाणे; B reads घायमाणे.
SR No.023493
Book TitleAntagadanuttarovavaiyadasao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM C Modi
PublisherGurjar Granth Ratna Karyalay
Publication Year1932
Total Pages354
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, agam_antkrutdasha, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size18 MB
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