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________________ समाणी अट्टहमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरेत्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह ।” तए णं सा सुकण्हा अज्जा अज्जचंदणाए अब्भगुण्णोया समाणी अट्ठट्टमियं भिक्खुपडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । 5 पढमे अट्ठए एक्केक्कं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ एक्केक्कं पाणयस्स । [जाव] अट्ठमे अट्ठए अट्ठट्ट भोयणस्स पडिगाहेइ अट्ठ पाणयस्स। ___एवं खलु एयं अट्ठमियं भिक्खुपडिमं चउसट्ठीए रातिदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासयहिं । 10 अहासुत्ता जाव नवनवमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । पढमे नवए एक्केक्कं भोयणस्स दत्ति पडिगाहेइ एक्केक्कं पाणयस्स [जाव] नवमे नवए नव दत्तीओ भोयणस्स नव पाणयस्स । 15 एवं खलु नवनवमियं भिक्खुपडिमं एकासीइ राइंदिएहिं चउहिं पंचोत्तरेहिं भिक्खासएहिं । अहासुत्ता [जाव ] दसदसमियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । पढमे दसए एक्केक्कं भोयणस्स दत्तिं पडि- 20 गाहेइ एक्केक्कं पाणयस्स । [जाव दसमे दसए दस दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेइ दस दस पाणयस्स। एवं खलु एयं दसदसमियं भिक्खुपडिमं एक्केणं राइंदियसरणं अद्धछट्टेहि भिक्खासएहिं । अहासुत्तं [जाव आराहेइ । आराहित्ता बहूहिं चउत्थ [जाय] मासद्ध. 25 मासविविहतवोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणी विहरइ ।
SR No.023493
Book TitleAntagadanuttarovavaiyadasao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM C Modi
PublisherGurjar Granth Ratna Karyalay
Publication Year1932
Total Pages354
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, agam_antkrutdasha, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size18 MB
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