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________________ ३४२] अलङ्कार-धारणा : विकास और विश्लेषण गया है। अकारादि अक्षर-क्रम से अलङ्कारों का उल्लेख भी 'तुलसीभूषण' का एक वैशिष्ट्य है।' _ 'तुलसीभूषण' में धन्यता तथा निर्णय नामक दो नये अलङ्कारों का उल्लेख हुआ है। धन्यता में करणीय अर्थ से अधिक बात उत्पन्न हो जाने की धारणा व्यक्त की गयी है। यह धारणा वाञ्छित से अधिक प्राप्ति-रूप प्रहर्षण की धारणा से मिलती-जुलती ही जान पड़ती है। अतः, प्रहर्षण में ही इसका अन्तर्भाव सम्भव है। निर्णय की परिभाषा में कहा गया है कि जहाँ अनेक मुख से एक वस्तु के सम्बन्ध में निर्णय दिया जाता है, वहाँ यह अलङ्कार होता है। दण्डी ने निर्णय की बात निर्णयोपमा में कही थी, जहाँ उपमेय और उपमान में प्रमाता को सन्देह होने के स्थल में वक्ता सन्देह-निवारण के लिए वस्तु के सम्बन्ध में निर्णयात्मक बात कहता है। स्पष्टतः, रसरूप के निर्णय का स्वरूप दण्डी की निर्णयोपमा के स्वरूप से कुछ भिन्न है। निर्णय में एक ही वस्तु के सम्बन्ध में अनेक लोग अपना अलग-अलग निर्णय देते हैं, यह बात उसके उदाहरण से स्पष्ट हो जाती है, जिसमें एक ही व्यक्ति को कोई नर-नारायण कहता है, कोई हरि, कोई हर तो कोई कामदेव कहता है। निर्णय के लक्षण-उदाहरण पर विचार करने से उसका स्वरूप उल्लेख के स्वरूप से अभिन्न जान पड़ता है, जिसमें एक वस्तु का बहुत लोगों के द्वारा अनेक प्रकार से उल्लेख किया जाता है। रसरूप ने उल्लेख अलङ्कार का भी उल्लेख अपने ग्रन्थ में किया है। उसी में निर्णय का अन्तर्भाव मानना उचित होता। 'चन्द्रोदय' ग्रन्थ के आधार पर विक्षेप-नामक अलङ्कार का लक्षण रसरूप ने दिया है। इसके सम्बन्ध में यह मान्यता व्यक्त की गयी है कि जहाँ जो १. अक्षर को सम्बन्ध करि क्रम हि सो रसरूप । आदि बरन के नेम सो भूषन रचे अनूप ।।-रसरूप तुलसीभूषण, पृ० १ २. करन अर्थ ते अधिक जहाँ उपजावं कछु बात। धन्यता तासों कहत हैं x x x x ॥-वही, पृ० २३ ३. जहाँ होत है एक की निर्णय बहुमुख माँह। ___ अलङ्कार निर्णय कहत x x x x ॥ वही, पृ० २३ ४. द्रष्टव्य-दण्डी, काव्यादर्श, २, २७ ५. कोउ कह नरनारायण, हरि हर कोऊ। कोउ कहै विहरत वन मधु मनसिज दोउ ॥ -रसरूप, तुलसीभूषण, पृ० २३
SR No.023467
Book TitleAlankar Dharna Vikas aur Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhakant Mishra
PublisherBihar Hindi Granth Academy
Publication Year1972
Total Pages856
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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