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________________ अलङ्कार-धारणा का विकास [ER सङ्कीर्ण भामह की संसृष्टि को दण्डी ने सङ्कीर्ण संज्ञा से अभिहित किया है। इसका सामान्य स्वरूप भामह के संसृष्टि अलङ्कार के स्वरूप से अभिन्न है। नाना अलङ्कारों के योग के स्वरूप को दण्डी ने अधिक स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया है। वे अलङ्कार या तो परस्पर अङ्गाङ्गिभाव से रह सकते हैं या परस्पर निरपेक्ष रूप से। इस प्रकार सङ्कीर्ण के दो भेद माने गये हैं। भामह अनेक अलङ्कारों के एकत्र सद्भाव की इन स्थितियों से अपरिचित नहीं थे। स्पष्ट है कि भामह की संसृष्टि-धारणा को ही दण्डी ने नामभेद से स्वीकार किया है। भाविक दण्डी ने भामह की तरह भाविक को प्रबन्धगत गुण या प्रबन्धगत अलङ्कार कहा है, किन्तु उसके स्वरूप की कल्पना किञ्चित् भिन्न रूप से की है। इसका सम्बन्ध सम्पूर्ण प्रबन्ध में व्यक्त कवि के भाव से है। प्रबन्ध में आधिकारिक एवं प्रासङ्गिक कथावस्तुओं का परस्पर उपकारकारी होना, व्यर्थ विशेषणों का प्रयोग नहीं किया जाना, प्रकृत रस, भाव आदि के उपयुक्त विशेषणों का प्रयोग किया जाना और पद-विन्यास के सामर्थ्य से गूढ अर्थ का भी स्फुट रूप में वर्णन किया जाना—ये सब मिल कर भाविक अलङ्कार की स्वरूप-सिद्धि करते हैं।' भामह ने भी कथा की स्वभिनीतता तथा शब्द की अनाकुलता को भाविक का हेतु माना है ।२ स्पष्ट है कि प्रबन्ध काव्य की सफलता के लिए अपेक्षित सभी तत्त्वों को भाविक का अङ्ग मान लिया गया है। आधिकारिक एवं अवान्तर कथावस्तुओं में परस्परोपकारित्व के अभाव में प्रबन्ध का प्रभाव विखर जाता है। नाटक के वस्तु-संघटन में भी इस तत्त्व पर विचार किया गया है। व्यर्थ विशेषणों का प्रयोग दोष है। दण्डी ने उसका अभाव भाविक में आवश्यक माना है। भाव के पोषक विशेषणों के प्रयोग की धारणा भरत की उदारता गुण-धारणा से तथा गम्भीर अर्थ के स्फुटतया वर्णन की धारणा उनकी 'विचार-गहन किन्तु स्वभाव स्फुट' श्लेष गुण की धारणा से ली गई है। स्पष्ट है कि पूर्ववर्ती आचार्यों के गुण-लक्षण तथा प्रबन्ध-काव्य-लक्षण से तत्त्व ग्रहण कर दण्डी ने भाविक की रूप-रचना की है। १. दण्डी, काव्याद०, २,३६४-६६ २. भामह, काव्यालं० ३, ५४
SR No.023467
Book TitleAlankar Dharna Vikas aur Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhakant Mishra
PublisherBihar Hindi Granth Academy
Publication Year1972
Total Pages856
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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