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________________ क्रमांक नाम १७१ वृत्तचन्द्रोदय १७२ वृत्तचन्द्रिका १७३ वृत्तचिन्तामणि १७४ वृत्तचिन्तारत्न १७५ वृत्तजातिसमुच्चय टीका १७६ १७७ वृत्ततरङ्किणी १७० वृत्तदर्पण १७६ १८० १८१ १८२ १६३ 17 39 27 " 13 १८४ 19 १८५ वृत्तदीपिका १८६ 30 १८७ वृत्तद्य मणि १८८ ور 39 १८६ वृत्तप्रत्यय १६० वृत्तप्रत्ययकौमुदी १६१ वृत्तप्रदीप १६२ 19 १९३ वृत्तमणिकोष १६४ वृत्तमणिमाला १६५ वृत्तमणिमालिका १९६ वृत्तमहोहधि १९७ वृत्तमाणिक्यमाला १६८ वृत्तमाला १६६ 19 २०० वृत्तमुक्तावली २०१ २०२ 33 19 छन्दः शास्त्र के ग्रन्थ और उनकी टीकायें कर्ता एवं टीकाकार भास्कराध्वरिन् रामदयालु गोपीनाथ दाधीच शान्तराज पण्डित विरहांक 97 गोपाल कृष्ण गंगाधर जानकीनन्द कवीन्द्र S/O रामानन्द भीष्ममिश्र मणिमिश्र मथुरानाथ वेंकटाचार्य सीताराम कृष्ण वेंकटेश यशवंत S/O गंगाधर गंगाधर शंकरदयालु जनार्दन बद्रीनाथ श्रीनिवास गणपतिशास्त्री श्रीनिवास सुषेण वल्लभाजि विरुपाक्षयज्वन् कृष्ण भट्ट कृष्णराम गंगादास उल्लेख हि. एस, सी, सी, 93 , मधुसूदन ० रा. प्रा. प्र. लक्ष्मीनाथ - संग्रह जयपुर हि. एस, प्रकाशित 21 हि. एस, सी. सी. मिथिला केटलॉग 32 सी. सी, सी. सी. सी. सी, हि. एस, 19 हि. एस. सी. सी. " at. at, 13 बड़ोदा के . हि. एस, सी सी हि. एस, सी. सी, सी. सी, हि. एस, [ ५२६ हि. एस, प्रकाशित हि. एस. हि. एस, बड़ोदा केटलॉग सी. सी. हि. एस, " हि. एस, प्रकाशित हि एस, सी सी. 17 ""
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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