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________________ छन्दःशास्त्र के ग्रन्थ और उनकी टीकायें [ ५२७ नाम कर्ता एवं टीकाकर उल्लेख १२२ ,, टीका [मिताक्षरा १२३ १२४ , टीका रा.प्रा.प्र., जोधपुर हि.एस. सी. सी. सी. सी. , जगन्नाथमिश्र "दामोदर , पद्मप्रभसूरि पिंगल, पशु कवि ? भास्कराचार्य मथुरानाथ शुक्ल मनोहरकृष्ण यादवप्रकाश १२६ १२७ १२८ १२६ हि. एस. [भाष्यराज वामनाचार्य वेदांगराज श्रीहर्ष शर्माS/o हि. एस. मकरध्वज हलायुध प्रकाशित १३३ " " १३४ १३५ [मृतसञ्जीवनी] पिंगलसारोद्धार प्रस्तारचितामणिः चितामणि दैवज्ञ जैन-ग्रंथावली मधुसूदन पुस्तकालय, लाहोर सूत्रीपत्र, हि एस. हि. एस, सी. सी. टीका कृष्णदेव १३७ १३८ हि. एस. प्रस्तारपत्तन प्रस्तारविचार प्रस्तारशेखर प्राकृत-छंद-कोष श्रीनिवास प्रल्हू १४० राजस्थान के जैन शास्त्र भंडार, जयपुर भा. ४ प्रकाशित प्राकृतपंगलम् १४१ प्राकृतपिंगल पिंगल , कृष्ण , टीका [कृष्णीय विवरण टीका [पिंगलभावोद्योत , चंद्रशेखर भट्ट अनूप १४४ १४५ ... चित्रसेन , दुर्गेश्वर सी. सी. उल्लेख-रूपगोस्वामिकृत नन्दोत्सवादिचरितटीकायाम अनूप १४६. " " , नारायणदीक्षित
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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