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________________ सन्दर्भ-ग्रन्थों में प्राप्त वणिक-वृत्त [ ४७६ लक्षण सन्दर्भ-ग्रन्थ सङ्केताङ्क प्रस्तार- छन्द-नाम संख्या ८०. सुराक्षी ८६. कुवलयमाला ९.. कलापान्तरिता ६६. द्वारवहा १००. विशदच्छायः ११०. इन्द्र: ११२. विपुलभुजा १२१. हीराङ्गी AAA FFF न य य ग म स य ग य स य ग र त य ग स त य ग ज जयग न ज य ग मन य ग १७. १७; भारवहा-१७. १७. १७; ऐन्द्री-१७. १०. १७; पणवः-२, १०, १८, २०; पणवक-१६ पणला-२२. कुवलयमाला-११ १७, बाला-१७. २, ३, ५, ६, १०, १३, १७, १८, १६, २२. १४७. १७१. हेमहासः मयूरसारिणी र र र ग र ज र ग १७; लाजवती-१७. १०. १७. १६. १७. १०; प्रसरा-१७. १०, १६; केरम्-१७. १७; वितानम्-४. १० प्रमिता-११. १७२. सुखला १७३. नमेरुः १६५. कलिका १६६. गणदेहा २०५. मदिराक्षी २०८. नरगा २१७. उद्धतम् २१६. मणिरंग: २२०. उदितम्. २३६. माला २४४. बलधारी २५१. अचलपंक्तिः २५२. असितधारा २५३. उन्नालम् २५४. निरन्तिकम् २५५. उपधाय्या २५६. तनिमा २६३. विशालान्तिकम २६४. विशालप्रभम् २६६ चरपदम् उपसंकुला सज र ग त ज र ग र म स ग स म सग त य स ग न य स ग म स स ग र स स ग स स स ग स ज सग स भ सग र न स ग स न स ग सग सग भन स ग न न स ग त त त ग जत त ग न त त ग स ज त ग १७.
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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