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वृत्तमौक्तिक-पञ्चम परिशिष्ट
छन्द-नाम
लक्षण
सन्दर्भ-ग्रन्थ-सङ्केताङ्क
प्रस्तार- सख्या १८०. १८१.
अनृतनर्म
१७; नृतनर्म-१७.
१७
१८२.
१९०.
सभ गल त भ ग ल ज भ ग ल ज न ग ल स म ल ल ज म ल ल भ म ल ल न म ल ल
अमरन्दि कुलचारि करञ्जि वृन्तम् शाखोटकि पञ्जरि अप्रीता
१६६.
१९८. १६६. २००.
१७. १७. १७. १७. १७. १७; प्रीता-१७; अतिप्रीता-१७;
अलिप्रीता-१७.
१७.
२०१. २०२. २०४. २१.. २१६. २२०. २३०. २३५. २४१. २४४. २४६. २५०. २५१. २५२. २५३. २५४. २५५.
रूपगोस्वामिकृत नन्दाहरणस्तोत्र १७, संभाषा-१७; संभासा-१७. १७. १७.
मन्थरि वातुलि संफुल्लकम् भाषा पाकलि प्रमना प्राकतनु प्राखेटम् प्रतिजनि सृतमधु मर चयनम् कुशकम् निरुदम् सिन्धुक् क्षरम् वेशि
म य ल ल य य ल ल त य ल ल य र ल ल न र ल ल स स ल ल ज तल ल र ज ल ल म भ ल ल स भ ल ल
य न ल ल र न ल ल स न ल ल तन ल ल ज न ल ल भ न ल ल
१७. १७. १७, क्षुरं-१७. १७; वेषि-१७.
नवाक्षर-छन्द
A
७.
मेघालोकः वक्त्रम् मायासारी खेलाढयम् तारम्
य मम भ मम नयम म सम स सम
१७. १०. १७. १७. १०; उदरश्रि-१७; उदरस्रक -१७; उदरास्रक- ७.
२५. २८.