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________________ ३७२ ] वृत्तमौक्तिक इस पद्धति से मगणादि ८ गणों के पर्याय निम्नलिखित होते हैं-- १. मगण - हर २. यगण - इन्द्रासन, सुनरेन्द्र, अधिप, कुउजरपर्याय, रदन, मेघ, ऐरावत, तारापति। ३. रगण - सूर्य, वीणा, विराट्, मृगेन्द्र, अमृत, विहग, गरुड-पर्याय, जोहल, यक्ष, भुजंगम । ४. सगण - करतल, कर, पाणि, कमल, हस्त, प्रहरण, भुजदण्ड, बाहु, रत्न, वज, गजाभरण, भुजाभरण ५. तगण - हीर। ६. जगण - पयोधर, भूपति, नायक, गजपति, नरेन्द्र , कुच वाचक शब्द, गोपाल, रक्जु, पवन । ७. भगण - वसुचरण, बहन, पितामह, तात, पद-पर्याय, गण्ड, बलभद्र, जंघा युगल, रति । ८. नगण - भाव, रस, ताण्डव और भाभिनी के पर्यायवाची शब्द ।
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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