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________________ भूमिका [८३ प्रकाशित १ सप्तसन्धान-महाकाव्य र. सं. १७६०' २ दिग्विजय-महाकाव्य ३ शान्तिनाथचरित्र (नैषधीय-पादपूर्ति) ४ देवानन्द-महाकव्य (माघ-पादपूर्ति) ५ किरातसमस्यापूर्ति ६ मेघदूत-समस्यालेख (मेघदूत-पादपूर्ति) ७ लघुत्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र ८ भविष्यदत्तचरित्र ९ पञ्चाख्यान १० पाणिनियाश्रयविज्ञप्तिलेख' अप्रकाशित प्रकाशित or अप्रकाशित प्रकाशित अप्रकाशित ११ प्रकाशित अप्रकाशित १२ विज्ञप्तिका १३ गुरुविज्ञप्तिलेखरूप-चित्रकोशकाव्य १४ विज्ञप्तिपत्र १५ , अपूर्ण १७ , अपूर्ण १८ चन्द्रप्रभा-व्याकरण (हैमकौमुदी) र० सं० १७५७१1। प्रकाशित १६ हैमशब्दचन्द्रिका २० हैमशब्दप्रक्रिया अप्रकाशित १-वियद्रसमुनीन्दूनां प्रमाणात् परिवत्सरे । [सप्तसन्धान प्रशस्ति] २-देखें, दिग्विजय-महाकाव्य-प्रस्तावना ३-४ भाण्डारकर ओरियन्टल रिसर्च इन्स्ट्रीटयू यूट पूना २६६A, १८८२-८३ ५-विज्ञप्तिलेखसंग्रह प्रथम भाग (सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई) ६-अभयजैन-ग्रंथालय, बीकानेर ७-राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर, सं० २०४१५ ८,९,१०-, , , शाखा कार्यालय बीकानेर, मोतीचंद खजांची-संग्रह, 'श' २८४ ११-विजयन्ते ते गुरवः शैलशरर्षीन्दुवत्सरे। [चन्द्रप्रभाप्रशस्ति ७] १२-भाण्डारकर प्रोरियन्टल रिसर्च इन्सटीटयू यूट, पूना
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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