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________________ २ ले पु. मेऽवयन असुनोः द्वि असुनुतम् २ 3 पु. 3 85/8 " २ " 3 ܕܕ " " "" વર્તમાનકાલ. १ सो यु. मेऽवयन क्षिपामि क्षिपाव: द्वि" महु" क्षिपाम: क्षिपसि 2 २१: ,, " આજ્ઞાર્થ લે ૧ ঊে= - - - 66 = = " " 46 यु. 36 عي " " २ ले यु. , महु" એક द्वि મહુ عی 39 द्वि " हु" મહુ " " મહુ द्वि अडु" દ્વિ " ” 29 यु. मेऽवयन क्षिपाणि क्षिपाव क्षिपाम ===== "" 99 વિધ્ય १ सो यु. मेम्वयन द्वि = = = મહે 23 "" g", "" महु." એક દ્વિ असुनुत असुनोत् असुनुताम् "" 27 परस्मैपह. असुन्वाताम् असुन्वन् असुन्वत प. भूण धातु क्षिप् (१४ गानो) ना ३५. કરિપ્રયાગ. क्षिपथः क्षिपथ क्षिपति क्षिपतः क्षिपन्ति क्षिप क्षिपतम् क्षिपत क्षिपतु क्षिपताम् क्षिपन्तु क्षिपेयम् क्षिपेव क्षिपे क्षिपेः ७८ क्षिपेतम् क्षिपेत असुनुथाः असुन्वाथाम् असुनुध्वम् असुनुत मात्मनेयह. क्षिपे क्षिपावहे क्षिपामहे क्षिपसे क्षिपेथे क्षिपध्वे क्षिपते क्षिपेते क्षिप क्षिपै क्षिपाव है क्षिपाम क्षिपस्व क्षिपेथाम् क्षिपध्वम् क्षिपताम् क्षिपेताम् क्षिपन्ताम् क्षिपेय क्षिि क्षिपेमहि क्षिपेथाः क्षिपेयाथाम् क्षिपेध्वम् असूयथाः असुयेथाम् असूयध्वम् असूयत असूयेताम् असूयन्त ભાવેક પ્રયાગ. मात्मनेयह. क्षिप्ये क्षिप्यावहे क्षिप्यामहे क्षिप्य क्षिप् क्षिप्यध्वे क्षिप्यते क्षिप्येते क्षिप्यते क्षिप्यै क्षिप्यावहै क्षिप्याम क्षिप्यस्व क्षिप्येथाम् क्षय क्षिप्यताम् क्षिप्येताम् क्षिप्यन्ताम् क्षिप्येय क्षिप् क्षिप्येहि क्षिप्येथाः क्षिप्येयाथाम् क्षिप्येध्वम्
SR No.023460
Book TitleSanskrit Bhasha Pradip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakordas Jamnadas Panji
PublisherThakordas Jamnadas Panji
Publication Year1867
Total Pages366
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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