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________________ 296 अलस्कारराघवे वं राम वं राम कल्याण त्वां रावणेन 206 273 186 निवर्त्य रामा 257 निशम्य रामस्य ____38 निशाचरी नीवारधान्यानि नीवारमत्तुम् 251 नेत्रेण भवस्या 267 नैशानि तिमिराणि 265 102 दिवि सूर्य दुराचारो दुरिताच्चकितो হিয়ঞ্চল दुष्कर्मजातं दूरं विक्षिपतो दृष्ट्वार्णवस्य दंटूण तं दोषप्रकरणस्य . धरारजो 255 पयःपन्न 83. पण्डितपामर 213 परस्त्रीस्मरण 183 परस्पर 276 पारवानपि पापान्यपहरन् 240 पाषाणम् पिशाचकरुपैः 281 पीताम्बर 117 पीत्वा बलात् 241 पीत्वा रात्रि 188 पुण्यं यशो 228 पुनाति कालीम् - 245 पूर्णे चन्द्रोदय 94 पौलस्त्यादीन् 272 985 निगमशिखर निजामुहृत् नित्यं मत्परि निद्रानिरीत निम्नावनि निरूपणेन निर्मिन्दन 262 262 235
SR No.023453
Book TitleAlankar Raghavam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYajneshwar Dikshit, T V Sathynarayana
PublisherOriental Research Institute
Publication Year1997
Total Pages354
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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