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जलबिन्दु
( m) ६०१ अपूर्वकरण आठमा गुणस्थानका मूलहेतु वे अने उत्तरहेतु - बाविश. योगनवभने कपायतेर.
६०२ नवमा अनिवृत्ति बादर गुणस्थानकमां मूलहेतु बे अने उत्तरहेतु
सोळ तेमां कषाय सात अने योग नव. संज्वलनना चार कषाय त्रण वेद ए सात कषायछे.
६०३ नवमा गुणस्थानकमां पुरुषवेद, स्त्रीवेद अने नपुंसक ए त्रण
वेदनो उदय होपछे. आ संबंधो विशेष मनन करी आत्मलक्ष्य
. राखवो.
६०४ दशमा गुणस्थानकमां मूलहेतु बे अने उत्तरहेतु दश तेमां योग
नव अने एक संज्वलननो लोभ.
६०५ अगियारमा उपशम अने बारमा क्षीणमोह गुणस्थानकमां मूल
हेतु एक. योगना उत्तरभेद नवछे.