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तत्वबिन्दुः
३४२ बादर अने सूक्ष्मनिगोदमा एम बन्नेमां जीव जाय अने आवे
तेनो उत्कृष्ट काल अढी पुद्गल परावर्तननो जाणवो. ३४३ द्रव्य क्षेत्र काल अने भावथी पुद्गल परावर्तन चार प्रकारेछे.
तेमां एकेक सूक्ष्म अने बादरभेदथी बे प्रकारेछे. सर्व मळी आठभेद थाय.
३४४ गर्भज मनुष्यदेहमां एकेन्द्रियथी ते पंचेन्द्रिय पर्यंत जीव
उत्पन्न थाय.
३४५ जातिस्मरण ज्ञानछे ते मतिज्ञान धारणानो भेदछे, जातिस्मरण वडे एक बे त्रण यावत् नवभव देखे. यदुक्तं आचारांगसूत्रवृत्तौ
गाथा. पुब्वभवा सो पिच्छइ, इकंदोतिनिजावनवगंवा; उवरितस्स अविसर्ज, सभाव जाइसरणस्स ॥१॥ १४६ गर्भमा रहेलो जीव गर्भमांज मरीने चतुर्गतिमां जाय.
३४७ पगथी नीकळेल जीव नरगतिमा जाय. साथलथो नीकळेलो
जीव तिर्यंचमां जाय. छातीमांथी नीकळेलो जीव मनुष्यगतिमां