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________________ || श्री पार्श्वनाथ सर्वज्ञाय नमः ॥ मन्त्ररु जिला प्राथमिछं परिहर २६र हम्मत शब छिप्रा व स्मीता हो लम्प दिवसं पंचेसु पौ वयं पादासनं प्रत दोन ताचो प्रसज्ञायनमुक्का रो ११ प रोवयारो! अजयाय १३ ||२|| जिला १४ जिलहुए गुरु १६ साहम्भि यालः बल्ल विवहा रम्यसुद्दी रहना तिना 2011 नुदसमवि वेग संवर23 नाना २२ वरुणामयऊल संभागों‍ करदमोश र परिणामसंघो वरिल माणो 31 पुरयलि उपनाव ताजे ३२ सढाए कि चम्मेयं ॥ निच्चं सुगुरु वए से 4 इतिभाव कदिन सालोजीबाबा H I પ્રતનું નામ : શ્રાવકદિનકૃત્ય સજ્ઝાય प्रत नंजर : સ્થળ : ૨૫૪૧ વિમલગચ્છ ભંડાર, પાટણ शामली चोरवाई सज्जेव विवियां इतना हरेत जोजिन शासन कि रियाधनु सरे। जिमसव साथर जीनां त रे । प्राजु से वे दिवसा राज्चनुष्टान निशक्ति पाशा यादिक हम परिहरें परूपातपरि तिनो करें ॥१४॥६ उरुष ने दो विषय निधिपा राक्षक शितों गादिभिवरूपानी जेट्न राति विधिप गणरा१सननिजे जीवा विधिपरिणाम तसा वागविनोदना जपरिह न्यायें शिवलीत सवाई रसनाय ॥ मन्त्र हसि शमित्र परिहरहर मशाबाद व यमत्राहो पि शाय हेसु स्वयंपा सीनं तदोवसाय १० नमुक्का रो रो दया रोड १२ जय वय ३.२॥ जिग पूजा १४ जिलाघुल गुरुथु३१६ साहमिमावा व व हा रस्य सुधीर तार तिच साय2 113 13 नमम विवेग संवरना साश्४ सनि ६२५ जीवक सायरा धम्मिय जलसंस गोरश क राम मोश्चर परि लामो ||४|| संघ वरिबमा लोन पुत्र लिह ३१ नाव (पातिकमा एकिन मेयोनिज गुरुवएते ॥ इति श्रावक दिनत्यशः यः॥ तव्याः पापिनो जीवानामुं पतिपर्वत लन्यते वापिस ज्यादि नेदतामहसते ते ज्ञाने मदीत जे लोकानां तारकः समयं वचनादपि २ પ્રતનું નામ : શ્રાવકદિનકૃત્ય સજ્ઝાય प्रत नंजर : સ્થળ : २४०८ विभसगच्छ भंडार, पाटला 45
SR No.023419
Book TitleMannaha Jinan Aanam Swadhyay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykirtiyashsuri
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2013
Total Pages468
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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