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मन्नह
मन्नइ
परिशिष्टः-४ 'मन्नह जिणाण आणं' स्वाध्यायस्य मुद्रित-हस्तप्रतिषूपलब्धपाठभेदाः। १ | A | BTC
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K मुद्रित । मुद्रित | मुद्रित | मुद्रित
उपदेश | प्रबोध | सम्बोध | विचार कल्पवल्ली |
प्रकरण सप्ततिका
| मन्ह । मन्ह जिणाण आणं
-माणं णं आणं । | । -णं आणं -णं आणं | -माणं मिच्छं परिहरह
। परिहरइ धरह
धर
धरइ . सम्मत्तं।
संमत्तं छविह
. छवीह । आवस्समि ।-यमी-यमी-यमी -यंमी अ Fयमी अ |-स्सएमि-यमी |-यमी -यमी ।
-यमी -यमि अ उज्जुत्ता उज्जुउत्ता
-त्तो होइ
होइ । होइ पइदिवसं ।।
| पयदिवसं पइदिसं
पइदिअहं
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होह
पव्वेसु
पोसहविहि
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-वहं
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पोहवयं
तओ
पोसहवयं दाणं सीलं तओ अ भावो अ । सज्झाय नमुक्कारो परोवयारो अ जयणा य ।। । । जिणपूआ |
तओ / भावो य
सझाय नमुक्कारो|
mara'मन्नह जिणाण आणं स्वाध्यायः'
-रे नमोक्कारो
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पूया |
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1 | -पूया
| -पूअ
-पूया ।