SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 459
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४०० H मन्नह मन्नइ परिशिष्टः-४ 'मन्नह जिणाण आणं' स्वाध्यायस्य मुद्रित-हस्तप्रतिषूपलब्धपाठभेदाः। १ | A | BTC E IF I G | K मुद्रित । मुद्रित | मुद्रित | मुद्रित उपदेश | प्रबोध | सम्बोध | विचार कल्पवल्ली | प्रकरण सप्ततिका | मन्ह । मन्ह जिणाण आणं -माणं णं आणं । | । -णं आणं -णं आणं | -माणं मिच्छं परिहरह । परिहरइ धरह धर धरइ . सम्मत्तं। संमत्तं छविह . छवीह । आवस्समि ।-यमी-यमी-यमी -यंमी अ Fयमी अ |-स्सएमि-यमी |-यमी -यमी । -यमी -यमि अ उज्जुत्ता उज्जुउत्ता -त्तो होइ होइ । होइ पइदिवसं ।। | पयदिवसं पइदिसं पइदिअहं JNNN V NNNNNNNNNNNNNNNN होह पव्वेसु पोसहविहि / -वहं । 1 पोहवयं तओ पोसहवयं दाणं सीलं तओ अ भावो अ । सज्झाय नमुक्कारो परोवयारो अ जयणा य ।। । । जिणपूआ | तओ / भावो य सझाय नमुक्कारो| mara'मन्नह जिणाण आणं स्वाध्यायः' -रे नमोक्कारो | V > पूया | | 1 | -पूया | -पूअ -पूया ।
SR No.023419
Book TitleMannaha Jinan Aanam Swadhyay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykirtiyashsuri
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2013
Total Pages468
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy