SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 88
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७४ भारतीय संवतों का इतिहास करता है, सौर को नहीं । इस प्रकार ६२२ ई० में आरम्भ हुए हिज्री सम्वत् के अत्र तक (१९८८ ई० तक) १४०७ वर्ष व्यतीत हो चुके हैं तथा १४०८वां वर्ष चालू है, जबकि सौर ईसाई सम्वत् के १६८८- ६२२ = १३६६ वर्ष व्यतीत हुये हैं, अर्थात् हिज्री सम्वत् के अब तक व्यतीत समय में ईसाई सम्वत् से ४१ वर्ष अधिक व्यतीत हो चुके हैं । यह अन्तर आगे भी इसी प्रकार बढ़ता रहेगा । जैसा कि डा० मोहम्मद हमीद उल्लाह' द्वारा दी गयी तालिका से स्पष्ट है : हित्री वर्ष १४०६ १४०७ १४०८ १४०६ १४१० १४११ १४१२ १४१३ १४१४ १४१५ १४१६ १४१७ १४१८ १४१६ १४२० प्रथम मोहर्रम ई० सन् में १६ सितम्बर, १९८५ ६ सितम्बर, १९८६ १६८७ २६ अगस्त, १४ अगस्त, १९८८ ४ अगस्त, १९८६ २४ जौलाई, १६६० १३ जौलाई, १६६१ २ जौलाई, १९६२ २१ जून, १९६३ १० जून, १९६४ ३१ मई, १६६५ १६ मई, १६६६ मई, १६६७ २८ अप्रैल, १६६८ १७ अप्रैल, १६६ε सौर वर्ष की लम्बाई को पूरा न कर पाने की समस्या प्रारम्भिक रोमन पंचांग में भी थी । "प्रारम्भ में रोमन लोगों का वर्ष ३०४ दिन का था जिसमें मार्च से दिसम्बर तक के १० महीने थे । फिर नुमा पॉपिलिअस् ( ई० सम्वत् पूर्व ७१५-६७२) राजा ने वर्ष के प्रारम्भ में जनवरी और अंत में फरवरी मास बढ़ाकर १२ चान्द्र मास अर्थात् ३५५ दिन का वर्ष बनाया । ईस्वी सम्वत् पूर्वं ४५२ से चान्द्र मास के स्थान पर सौर वर्ष माना जाने लगा जो ३५५ दिन का ही होता था परन्तु प्रति दूसरे वर्ष ( एकांतर से ) क्रमशः २२ र २३ दिन बढ़ाते थे ।···उनका यह वर्ष वास्तविक सौर वर्ष से करीब एक दिन बड़ा था । १. हमीद उल्लाह, "इन्ट्रोडक्शन टू इस्लाम", बेरूत, १९७७, पृ० २४८ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy