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________________ धर्म चरित्रों से सम्बन्धित सम्वत् बुद्ध निर्वाण सम्वत् बौद्ध धर्म प्रवर्तक गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण से आरम्भ हा यह सम्वत् बुद्ध निर्वाण सम्वत् के नाम से जाना जाता है। बुद्ध निर्वाण सम्वत् का प्रचलन किसी क्षेत्र विशेष में नहीं वरन् सम्प्रदाय विशेष में है । इसका आरम्भ बौद्ध धर्म के प्रवर्तक के परिनिर्वाण से होता है अतः इस धर्म के अनुयायियों के लिए धार्मिक दृष्टि से यह महत्वपूर्ण तिथि है। विश्व भर में जहां भी बौद्ध धर्म के अनुयायी बसते हैं, वे बुद्ध निर्वाण सम्वत् का प्रयोग करते हैं। किसी भी क्षेत्र के सभी लोग इस सम्वत् का प्रयोग नहीं करते, अतः किसी नगर, प्रान्त या राष्ट्र का नाम बुद्ध निर्वाण सम्वत् के प्रचलन के लिए नहीं लिया जा सकता वरन् इस सम्बन्ध में यही कहना उचित है कि बुद्ध निर्वाण सम्वत् का प्रचलन बौद्ध सम्प्रदाय में है । बुद्ध निर्वाण सम्वत् का वर्तमान चालू वर्ष २५३३ है, जो ई० सन् १९८९ विक्रम २०४६, शक १६११, श्री कृष्ण जन्म सम्वत् ५२२५ मौहम्मद हिज्री १४०६-१० के बराबर है। वुद्ध निर्वाण सम्वत् का आरम्भ एक महापुरुष की पुण्य तिथि के रूप में हुआ, जोकि एक जन समुदाय अथवा पूरे एक सम्प्रदाय द्वारा एक साथ स्वीकार की जाती है व मनायी जाती है। अतः इसके आरम्भ के लिए कोई व्यक्ति विशेष नहीं वरन् पूरा ही बौद्ध सम्प्रदाय उत्तरदायी है । इसके सम्बन्ध में यह सम्भावना अधिक है कि आरम्भ में यह तिथि मात्र पुण्य तिथि के रूप में ही मनायी जाती होगी तथा बाद में इसे पुण्य तिथि के समय से गणना करते हुए एक संवत् का रूप दे दिया गया होगा। आध्यात्मिक रूप से विश्व को एक नयी दिशा देने वाले तथा एक लम्बे समय तक साहित्य का केन्द्र बने रहने वाले महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण की तिथि आज व्यक्तिगत तथा संघों की रूढ़ियों व पूर्व प्रचलित धारणाओं के बीच एक गहन विवाद का विषय बनी हुयी है। महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण की जितनी अधिक तिथियाँ उपलब्ध होती हैं, शायद ही अन्य किसी व्यक्ति या घटना के विषय में हों । विभिन्न स्थानों पर प्रचलित परम्पराओं ने इस संदर्भ में विभिन्न तिथियां दी हैं। बुद्ध निर्वाण के संदर्भ में उपलब्ध साक्ष्यों को, जिनका प्रयोग तिथि निर्धारण के लिए किया जाता है, स्वदेशी व विदेशी साक्ष्यों में गिना जा सकता है। बुद्ध निर्वाण सम्वत् के सम्बन्ध में विदेशी साक्ष्यों में सर्वप्रथम नाम कैंटन परम्परा का आता है । इस परम्परा का उल्लेख डा० त्रिवेद व एस० भट्टाचार्य १. एस० भट्टाचार्य, "ए डिक्शनरी ऑफ इण्डियन हिस्ट्री", कलकत्ता, १९६७, पृष्ठ १७४ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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