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________________ भारतीय संवतों का इतिहास परीक्षित के समय बतायी गयी है वह न तो परीक्षित से सम्बन्धित है और न ही खगोल शास्त्र से।" सप्तर्षि चक्र की दूसरी व्याख्या के अनुसार सप्तर्षि चक्र प्रत्येक सौ वर्ष में दिन और रात बराबर करने वाले बिन्दु के आगे-पीछे हटने से सम्बन्धित हैं । २७००० वर्षों का सप्तषि का एक चक्र है, इसके आधार पर परीक्षित का समय १४०० ई० पूर्व के करीब आता है। विभिन्न विद्वानों ने विभिन्न तरीकों से सप्तर्षि परम्परा का उल्लेख किया है। जिससे इसके द्वारा किसी निश्चित व विश्वसनीय निष्कर्ष पर पहुंचना कठिन हो जाता है । "पुराणों में सप्तर्षि की पारम्परिक तिथि का उल्लेख किया गया है, लेकिन पुराणों में सम्वतों का उल्लेख कुरुक्षेत्र युद्ध की तिथि निश्चित करने में अब हमारी विशेष मदद नहीं करता।"२ ___ खगोलशास्त्री भास्कर ने 'सिद्धान्त शिरोमणि' में कलियुग आरम्भ का उल्लेख किया है। "शक राजा के अन्त तक ३१७६ वर्ष कलियुग को आरम्भ हुए बीत चुके थे। यदि ७८ ई० का शालीवाहन शक माना जाये तब ऐसा प्रतीत होता है कि भास्कर के अनुसार कलियुग ३१०१ ई० पूर्व में आरम्भ हुआ। परिस्थितियों के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध की तिथि ३१३७ ई० पूर्व आती है।" कृष्ण जन्म के समय सूर्य की स्थिति का वर्णन खगोलशास्त्रीय पुस्तकों में हुआ है, इसके आधार पर खगोलशास्त्री कुरुक्षेत्र युद्ध की तिथि तथा कलि के आरम्भ के विषय में अनुमान लगाते हैं । "कृष्ण जन्म परम्परा के आधार पर कुरुक्षेत्र युद्ध की तिथि ३१३७ ई० पूर्व प्राप्त होती है। जो पारम्परिक तिथि के करीब की तिथि है । काश्मीर के विद्वान कल्हण ने पारम्परिक तिथि से काफी बाद की तिथि कुरुक्षेत्र युद्ध के लिए दी है-"कलियुग आरम्भ के ६५३ वर्ष बाद कौरव-पाण्डव अस्तित्व में आये ।" इस प्रकार यदि ३१०१ ई० पूर्व कलियुग आरम्भ माना जाये तब कौरव-पाण्डवों का समय २४४८ ई० पूर्व आया तथा युद्ध का समय इसके ३६ वर्ष पहले था। आधुनिक विद्वानों का विचार है कि कल्हण का सिद्धान्त किसी भ्रान्ति पर आधारित है। "कल्हण का तर्क सही नहीं है क्योंकि वह ३५ गोदराज राजाओं के नाम नहीं बता पाया और न ही १. पी० सी० सेनगुप्त, 'एंशियेंट इण्डियन क्रोनोलॉजी', कलकत्ता, १६४७, पृ० ५७ । २. ए० एन० चन्द्रा, 'द डेट ऑफ कुरुक्षेत्र वार', पृ० ८५ । ३. वही, पृ० ८६ । ४. वही, पृ० ८६ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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