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________________ १४२ भारतीय संवतों का इतिहास कोई अन्य प्राचीन तिथि हैं। विष्ण कुण्डिन के गोदावरी तथा जिरजिंगी ताम्रपत्रों से महाराजा विष्णु कुण्डिन का शासन काल स्पष्ट होता है । परन्तु ५२८ गंगा सम्वत् बैठता है जबकि डा० रामाराव, बी०एन० शास्त्री, अजय मित्र शास्त्री आदि ने गंगा सम्वत् का आरम्भ ४८६ ई. दिया है। लेख के अन्त में मिराशी इन सभी मतों का खण्डन करते हुए लिखते हैं : "यद्यपि गंगा सम्वत् के आरम्भ के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद है, परन्तु ताम्रपत्र की साक्षी से यह बात स्पष्ट सिद्ध होती है कि गंगा सम्बत का आरम्भ ४८६ ई० में हुआ। दोनों ही विष्णु कुण्डिन दानपत्रों से भी इसकी तिथि मेल खाती है ।"3 पण्डित ओझा ५७० ई० से आरम्भ होने वाले गांगेय सम्वत् का उल्लेख अपनी लिपिमाला में करते हैं। जिसको वे गंगा वंश के किसी राजा का चलाया हुआ मानते हैं । इस सम्वत् के अस्तित्व का आधार मद्रास के गोदावरी जिले से मिले हुए महाराजा प्रभाकर वर्धन के पुत्र राजा पृथ्वी मूल के राज्य वर्ष २५वें का दानपत्र है। इस सम्बन्ध में ओझा का विचार है : "यदि उक्त दानपत्र का इन्द्र भट्टारक उक्त नाम का वेंगी देश का पूर्वी चालुक्य राजा हो, जैसा कि डा० फ्लीट ने अनुमान किया है तो उस घटना का समय ई० सम्वत् ६६३ होना चाहिए, क्योंकि उक्त सन् में वेंगी देश के चालुक्य राजा जय सिंह का देहान्त होने पर उसका छोटा भाई इन्द्र भट्टारक उसका उत्तराधिकारी हुआ था और केवल ७ दिन राज्य करने पाया था। ऐसे ही यदि इन्द्राधिराज को वेंगी देश के पड़ोस के कलिंग नगर का गंगावंशी राजा इन्द्रवर्मन (राज सिंह) जिसके दानपत्र (गांगेय) सम्वत् ८७ और ६१ के मिले हैं, अनुमान करें तो गांगेय सम्बत् ८७ ईस्वी सम्वत् ६६३ के लगभग होना चाहिए।"४ ओझा इस विचार से भी सहमत नहीं है । वे आगे लिखते हैं : "परन्तु इन्द्र भट्टारक के साथ के युद्ध के समय तक इन्द्राधिराज ने राज्य पाया हो ऐसा पाया नहीं जाता। इसलिए उपर्युक्त ईस्वी सम्वत् ६६३ की घटना गांगेय सम्वत् ८७ १. वी०वी० मिराशी, 'फ्रेश लाइट आन टू न्यू ग्रान्ट ऑफ द विष्णु कुण्डिन', "जर्नल ऑफ इण्डियन हिस्ट्री", वोल्यूम ५०, १९७२, पृ० २ । २. वही, पृ० २। ३. वही, पृ० ८। ४. गौरी शंकर हीरा चन्द ओझा, "भारतीय प्राचीन लिपिमाला", अजमेर, १६१८, पृ० १७६ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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