SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 151
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ऐतिहासिक घटनाओं से आरंभ होने वाले सम्वत् १३७ के इस कथन से स्पष्ट है कि हर्ष संवत् ६६२ ई० अर्थात् अपने आरम्भ से ३८५ वर्षों तक प्रचलन में रहा । धीरे-धीरे विलुप्त होता हुआ संवत् कुछ वर्ष और लोगों की स्मृति में रहा होगा । यह स्वाभाविक है | अतः हर्ष संवत् की प्रचलन अवधि चार शताब्दी मानी जा सकती है । हर्ष संवत् के प्रयोग से बाहर हो जाने के मुख्य कारण आरम्भकर्ता की शक्ति क्षीणता व विक्रमादित्य संवत् का प्रसार माने जा सकते हैं । भट्टिका संवत् भट्टिक नामक वंश अथवा शासक के नाम पर इस संवत् का नाम भट्टिक पड़ा है। इस वंश का शासन राजपुताने में था अतः वहीं आसपास भट्टिक संवत् का प्रचलन हुआ । भट्टिक संवत् के आरम्भ का समय हर्ष संवत् के एकदम करीब है | वी०वी० मिराशी' ने राजपुताना में मेवाड़ के धुलेवग्राम से प्राप्त हुए लेख के आधार पर भट्टिक संवत् के आरम्भ की तिथि ६२३ ई० दी है । डा० डी०एस० त्रिवेद ने भी इसी का समर्थन किया है - भट्टिक संवत् के आरम्भ की तिथि ६२३ ई० है र । हर्ष संवत् के आरम्भ का समय ६२२ ई० माना जाता है तथा भट्टिक संवत् के आरम्भ का समय ६२३ ई० माना जाना है इस प्रकार दोनों संवत् का आरम्भ एकदम निकट है । O भट्टिक संवत् के सम्बन्ध में दो प्रमुख विचारधारायें हैं । प्रथम तो डा० मजूमदार की धारणा है कि इस नाम का कोई संवत् कभी प्रचलित नहीं हुआ । भट्टिक संवत् से सम्बन्धित माने जाने वाले अभिलेख हर्ष अथवा हिज्रा संवत् के हैं। इस सन्दर्भ में डा० मजूमदार ने जैसलमेर से प्राप्त दो लेखों का उल्लेख किया है । इसमें प्रथम, विक्रम संवत् १४६४, भट्टिक संवत् ८१३ माघ शुदी, शुक्रवार, आश्विन नक्षत्र है । इसको नियमित करने पर शुक्रवार ३१ जनवरी १४३८ ई० आता है । दूसरा, अभिलेख शिव मन्दिर से प्राप्त हुआ है, जिसमें विक्रम संवत् १६७३, शक संवत् १५३८ तथा भट्टिक संवत् १९३ उत्तरायण मंगसिरा दिया है जो २८ दिसम्बर १६१६ ई० आता है । इसमें १. वी०वी० मिराशी, 'द हर्ष एण्ड भट्टिका एरा', 'आई०एच० क्यू०", वोल्यूम २६, १५३, पृ० १२४ । २. डी०एस० त्रिवेद, " इण्डियन क्रोनोलॉजी ", बम्बई, १९६३, पृ० ३४ । ३. आर०सी० मजूमदार, वी०वी० मिराशी द्वारा उद्धृत, 'द हर्ष एण्ड भट्टिका एरा', "आई०एच०क्यू० ", वोल्यूम २६, १९५३, पृ० १६२ ॥
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy