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________________ ऐतिहासिक घटनाओं से आरंभ होने वाले सम्वत् १३५ हर्ष संवत् के विषय में यही अधिक मान्य मत है कि हर्ष का शासन ६०६ ई० से आरम्भ हुआ लेकिन आरम्भिक कुछ वर्षों में वह मात्र संरक्षक के रूप में राज्य कर रहा था व स्वयं स्वतंत्र शासक नहीं था । ६१२ ई० में उसने स्वयं को राजा घोषित किया तथा उसके राज्यारोहण के साथ ही हर्ष संवत् का आरंभ हुआ, लेकिन इसकी गणना ६०६ ई० से ही की गयी । "हषं ने साहसपूर्वक स्वयं को ६१२ ई० तक जब तक कि वह ५, १ / २ अथवा ६ वर्ष तक गद्दी पर रह चुका अपने को पूर्ण स्वतंत्र सम्राट घोषित नहीं किया । यद्यपि जो संवत् उसके नाम से चला उसका प्रारम्भ अक्टूबर ६०६ ई० से है । अर्थात् इसका नियमित सिंहासनारोहण ६१२ ई० में हुआ तथा प्रथम बार सिहासनारोण व संवत् आरंभ ६०६ ई० में हुआ 19 भारतीय कलैण्डर सुधार समिति ने भी ६०६ ई० की तिथि हर्ष संवत् के आरम्भ की स्वीकार की है । अर्थात् ५२८ शक संवत् तथा ६०६ ई० संवत् हर्षं संवत् के आरम्भ की तिथि निश्चित की जाती है । एलेग्जेण्डर कनिंघम ने यह तिथि ६०७ ई० दी है । जो सम्भवतः भारतीय संवतों में सामान्य रूप से पायी जाने वाली आरम्भिक वर्ष की तिथि तथा पूर्ण वर्ष की तिथि के कारण है । अर्थात् ६०६ ई० में संवत् का आरम्भ हुआ तथा उसका प्रथम वर्ष ६०७ ई० में हुआ । जो शक संवत् ५२६ है । रोबर्ट सीवल', एल०डी० स्वामी पिल्लंयी आदि ने भी इसी तिथि का समर्थ किया है । हर्ष संवत् का अभिलेखों में पर्याप्त प्रयोग हुआ है । स्वयं हर्ष ने समकालिक राजाओं ने हर्ष संवत् में अभिलेखों का अंकन किया । ऐसे २० लेखों जो उत्तरी भारत में पाये गये, हर्ष संवत् में अंकित तथा उसके कील होर्न ने बताया है । १. वी०ए० स्मिथ, 'दि अरली हिस्ट्री ऑफ इण्डिया", ऑक्सफोर्ड, १६६७ १६२४, पृ० । २. "रिपोर्ट ऑफ द कलैण्डर रिफार्म कमेटी", सारिणी २७, दिल्ली, १६५५, पृ० २५८ । ३. एलेग्जेण्डर कनिंघम, "ए बुक ऑफ इण्डिन एराज", वाराणसी, १६७६, पृ० ६४ । ४. रोबर्ट सीवल, "दि इण्डियन कलंण्डर”, लन्दन, १८६६, पृ० ४५ । - ५. एल०डी० स्वामी पिल्लंयी, “इण्डियन क्रोनोलॉजी", मद्रास, १९११, पृ० ४५ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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