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________________ १०२ भारतीय संवतों का इतिहास अनुसार कनिष्क का प्रथम वर्ष पुराने शक सम्वत् का २०१ वर्ष है। कनिष्क ७८ ई० में सिंहासनारूढ़ हुआ तथा नया शक सम्वत् चलाया। वान-लोहिजनडी-ल्यू तथा एम० एन० शाह के विचारों से कुछ तथ्य इस प्रकार निकाले जा सकते हैं : शक सम्वत सम्भवतः १२३ ई० पूर्व में आरम्भ हुआ होगा, जब शक हूणों के साथ बैक्ट्रिया में सात वर्ष युद्ध करने के बाद आये होंगे तब उनका नेता एजेज प्रथम रहा होगा। सम्भवतः इसी कारण इस सम्वत् का नाम एजेज सम्बत् भी पड़ा। ज्योति प्रसाद पुराने शक सम्वत् की तिथि सदी ई० पूर्व बताते हैं। उनके विचार से भारत में शकों के प्रवेश की तिथि किसी भी प्रकार से ८४.८० ई० पूर्व से पहले की नहीं हो सकती। अतः इसी के करीब सम्वत की स्थापना भी हुई होगी। "पुराने शक सम्वत् की तिथि प्रथम सदी ई० पूर्व के ६०वें या ७०वें दशक से पीछे नहीं खिसकाई जा सकती जो इस से पहले की तिथि का समर्थन करते हैं वे अपने सुझावों को या तो अप्रासांगिक गणनाओं पर आधारित मानते हैं या सम्बत् को भारत के बाहर आरम्भ हुआ मानते हैं। यह मत व्यक्त किया जाता है कि पुराना शक सम्वत् १२३ ई० पूर्व में प्रारम्भ किया गया तथा ७० ई० पूर्व से ६५ ई० तक प्रयुक्त होता था। इस प्रकार तिथि क्रम का वह बड़ा भाग जो अनिश्चय की स्थिति में रहा है, को स्पष्ट समझने में मदद मिल सकती है। आधुनिक अफगानिस्तान तथा उत्तरी-पश्चिमी पंजाब से प्राप्त कुछ आधुनिक खोजें इस परिकल्पना की चारित्रिक विशिष्टताओं को स्थापित करती हैं । एम०एन० शाह की परिकल्पना के अनुसार "कनिष्क का प्रथम तिथ्यांकित रिकार्ड पुराने शक सम्वत् के वर्ष २०१ में है तथा ईसाई सम्बत् के ७८ ई० में, इस प्रकार कनिष्क सम्बत् तथा शक सम्वत् एक समान हैं।"२ ७८ ई० से आरम्भ होने वाले शक सम्त से पूर्व भी एक शक सम्वत् प्रचलित था इसका परिचय भारतीय परम्पराओं से भी मिलता है। संस्कृत साहित्य में इस संदर्भ में उदाहरण मिलते हैं। १. ज्योति प्रसाद जैन, "द जन सोसिज ऑफ द हिस्ट्री ऑफ ऐंशियंट इण्डिया", दिल्ली, १९६४, पृ० ८८ । २. एम० एन० शाह, 'डिफरेन्ट मेथडस ऑफ डेट-रिकार्डिंग इन ऐंशियंट एण्ड मेडिवल इंडिया एण्ड दि ओरिजिन ऑफ द शक ऐरा', "जर्नल ऑफ ऐशियाटिक सोसायटी", वोल्यूम, १६, १९५३, पृ० १८ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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