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________________ ॥४७॥ चंपाइ कामदेवो । जवानजो सुसावगो जाओ ॥ उग्गोनल अरस-कंचणकोमीण जो सामी ॥ ३७ ॥ कासीए चुनणिपिआ सामानज्जा य गोनला अरु ॥ चनवीसकणयकोमी । सवाणसिरोमणी जाओ ॥ ३० ॥ कासी सुरादेवो । धन्ना नज्जा य गोजना बच्च ॥ कणयचारसकोमी । गहिअवओ सावो जाओ ॥ ३५ ॥ आननिआणयरीए । नामेणं चुनसयगो सट्ठा ॥ बहुता नामेण पिया। रिधि से कामदेवसमा ॥ ४० ॥ ००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००० चंपानगरीमा कामदेव नामनो उत्तम श्रावक हतो, के जेने नद्रा नामे स्त्री हती; तथा उ गोकुलो । हता, अने ते अढार क्रोम सोना मोहोरोनो स्वामी हतो ॥३७॥ काशीनगरीमा चुलनी पिता नामे श्रावक हतो, तेने इयामा नामे स्त्री हती, तया आठ गोकुलो हता, अने चोवीस क्रोम सोना मोहोरो तेनी पासे हती, तथा ते श्रावकोमा शिरोमणि हतो. ॥ ३७॥ वळी काशीनगरीमां मुरादेव नामे श्रावक हतो, तेने धन्ना नामे स्त्री हती, तया छ गोकुलो हता, अढार क्रोम सोना मोहोरो तेनी पासे हती, तया ते व्रतधारी श्रावक हतो ३५ ॥ आनंनिका नगरीमा चुनशतक नामे श्रावक हतो, तेने बहुला नाम स्त्री हती, तया तेनी कामदेव जेटली ऋद्धि हती ॥ ४० ॥
SR No.023410
Book TitleUpdesh Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalan Niketan
PublisherLalan Niketan
Publication Year1925
Total Pages406
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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