SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 71
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६३ आऽकुमारनी कथा. वाय नहीं.” श्राईक राजानां श्रावां सांजली जेने अनयकुमार पासे जवानी घणीज श्छा बे एवो ते आर्डकुमार आसक्त थएली कुलस्त्रीनी पेठे जवाने तथा रहेवाने शक्तीवान न थयो, परंतु अजयकुमारनुं तथा तेना गुणोनुं प्रत्यद दीगनी पेठे ध्यान करवा लाग्यो. वली घरनेविषे तथा वननेविषे अथवा बीजे को ठेकाणे ते शांति न पामतां तथा श्रजयकुमार संबंधी वातो करता विचार करवा लाग्यो के, “जो परमेश्वरे पांखो थापी होत तो तुरतज अजयकुमारनी पासे जात." एवी रीते अजयकुमारने मलवा माटे जंचा चित्तवाला थएला था कुमारने जाणीने श्राईक राजाए पुत्रने जवानी रजा न श्रापतां पांचसो सामंतो तेना रदणने माटे राख्या. यानी पेठे पोताना पमखाने न मूकता ते सामंतोने जो आर्डकुमारे विचामु के, “श्रा तो केदमां पड्या." पड़ी ते आर्डकुमार सामंतोनी साथे हमेशां पोताना नगरथी पांच पांच गाउ जवा आववा लाग्यो. को दीवस आठ गाउ जाय ने पाबो श्रावे. कोइ दिवस वेदेलो आवे. को दीवस मोडो श्रावे. एम करतां करतां एक दिवस अजयकुमारे मोकलेली श्रादीश्वर नगवाननी प्रतिमा अने रत्न विगेरे केटलोक समान एक पेटीमां जरी समुसने कीनारे वहाणमां बानी रीते मोकली देश, पोते सामंतोनी साथे वनमां वीहार करता करता तेउने पळवामे राखी बानी रीते पोताने माटे राखेला ते वाहाणमां बेसी अनयकुमारना देशमां गयो त्यां तेणे अजयकुमारे मोकलेली श्रादीश्वर नगवाननी प्रतिमा तेने पाली मोकली अने पोते लावेला धनने सातदेत्रमा पहेंची नांखी साधु खरूपने ग्रहण करी जेटलामा सामायिक चारित्रनो उच्चार करे बे एटलामां आकाशवाणी थर के, "अहो बाईक ! तुं दीक्षा न ग्रहण कस्य.कारण के कर्मनुं फल तो तीर्थकरोने पण जोगव, पडे बे. त्हारे हजु जे जोगावली कर्म , तेने जोगव्या वीना था दीदारूप व्रतने धारण करवाने तुं योग्य नथी, कारण के जे माणस नोगावली कर्म जोगव्या वीना दीदा लहे , ते व्रत थकी जष्ट थाय ने अने तेज कारणथी नरकमां जq पके ." ा प्रकारनी आकाशवाणीनो पण अनादर करीने आर्डकुमारे सहसा दीक्षा लीधी.
SR No.023404
Book TitleShilopadesh Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Kalidas Shastri
PublisherJain Vidyashala
Publication Year1900
Total Pages456
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy