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________________ सूत्रा सूत्रम्। धुपावृद्ध द्वन्द्व वा द्विः कानः द्विगोः समा द्वितीया खट्टा द्वितीया षष्ट्या द्वित्रिचतुष्पू द्वित्रिस्वरी द्विच्यष्टानां द्वित्वेऽधो द्वित्वेऽप्यन्ते द्वित्वे वां नौ द्विषो वातृशः द्विहेतोर द्वयन्तरन दोषसूत धर्मार्थादिषु घवाद्योगा धागस्तथोश्च धातोः पूजार्थ धातोरिवों धुटस्तृतीयः धुटां प्राक् धुटो धुटि धेनोभव्याम् सूत्राः । सूत्रम् । ३।२।२७। | नखमुखाद १।४।११।। नखादय: ०३।११।। | नख्यापूर રાકારશ | नगोऽप्राणिनि ३११५९। नञ् २।२।११७) | नमत ३३११५॥ न दधिपय २।३।६७। नदीदेशपुरा ३।२।१२। नदीभिनोम्नि २॥२॥३४॥ न नाडिदेत् २।३।८१॥ न नाम्येक २॥१॥२२॥ | नपुंसकस्य २२२२८४।। | नपुम्वन्निषेधे २२२१८७४ | नमस्पुरसो ३।२।१०८|| न यि तद्धिते २।४।१०९।। न राजन्य ३।११५९।। न रात्स्व रे २।४५९। नरिकामामिका રાણ૭૮ ३।१।१। नवभ्यः २१५० | नवमन्त २३१७६। नवाऽखित्कृदन्ते १४६६ नवाप: १॥३॥४८॥ | नवा शोणादेः ३।२।१९८१ | नवा सुजथै २।२।१८। | नवा स्वरे १।१।२२। न विंशत्यादि ।३।१९।। नवकस्वरा २।४।१०५। | नशः शः ३।१।८। । न शात् રાણીકા ફરા૨૨૮ી. २।३।९०॥ રૂારાણા ३।१।५१॥ ३॥२.१२५॥ ३।१।१४५॥ ३।१।१४२। ३।१।२७। १।४।२७। ३।२।९। १।४।५५॥ ३।२।७१। २।३।१ २॥१॥६५॥ २।४।९४॥ १।३।३७ रा४।११। ३।२।८०॥ २४।१६ २।१।२११॥ ३।२।११७ २।४।१०६ २४॥३१॥ ३।२।९६ २।३।१०२। ३।१।६९। ३।२।६६। २।३७८ नरे नं क्ये न: शि ञ्च न कचि न कर्तरि
SR No.023395
Book TitleSiddha Hem Llaghu Vrutti Avchuri Parishkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitendravijay
PublisherRanjanvijay Jain Pustakalay
Publication Year2007
Total Pages470
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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