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________________ ४१८ कामसम वि. (कामसम) म समान. कुटुंबि वि. (कुटुम्बिन्) ५ वाणो, कायव्य वि. (कर्तव्य) २१ दायs. . गृहस्थ. काया स्त्री. (काया) ९. कुढार पुं. (कुठार) Sus. कारण न. (कारण) १२९. . कुमार, कुमर पुं. (कुमार) कुमार. काल पुं. (काल) , समय. कुमारत्तण न. (कुमारत्व) कुमार.. कालसप्प पुं.(कालसर्प) १३पास. कुमारवाल । पुं. (कुमारपाल) कुमरवाल J मारा AL कासइ अ. (कस्यचित्) मनु. किअंत वि. (कियत्) 32. कुरु पुं. ब. (कुरु) शिनु नाम छे. कुल पुं. न. (कुल) दुस, श. किंतु अ. (किंतु) ५२न्तु, ५. केणइ अ. (केनचित्) 43. किंनर पुं. (किन्नर) २, ३५ विशे५. केरिसी स्त्री. (कीदृशी) 31 किंपि, किमवि, अ. (किमपि) ५२नी. ___ ई . केवल पुं. (केवल) BRIन, किच्च न. (कृत्य) म. वि. मसाधारण, असहाय. किण्ह वि. (कृष्ण) श्याम पार्टी वाणु, केवलं अ. (केवलम्) १५, ६, अ. માત્ર. किन्नरी स्त्री. (किन्नरी) व्यंतर हेवी. केवलनाण न.(केवलज्ञान) शान. किर अ. (किल) संभावना, केवलि पुं. (केवलिन्) 34६ी, हिर, किल निश्चय, सत्य, उपयशानी, सश. ति२२ ६. केसरि पुं. (केशरिन्) सिंह. किवण वि. (कृपण) अर्थ, दोमी. कोवसम वि. (कोपसम) अपनी किवा स्त्री. (कृपा) या समान. कुंभआर। पुं. (कुम्भकार) मार. कोवि अ. (कोपि) ओ५९. कोसा स्त्री. (कोशा) वेश्यानुं नाम. कुगइ स्त्री. (कुगति) अशुम गात. कोसलिअ वि. (कौशलिक) (न२६ मने निर्यात) अयोध्यामां उत्पन्न थयेय. कुच्छि पुं. स्त्री. (कुक्षि) 6६२, पेट. | कोह पुं. (क्रोध) ५. कुंभार ।
SR No.023394
Book TitlePrakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSomchandravijay Gani
PublisherSurendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh
Publication Year1991
Total Pages496
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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