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श्री हृषिकेश कृत प्राकृत व्याकरण मूल
तथा
वृत्तिना गुजराती भाषांतर सहित.
अने
कलिकाल सर्वज्ञ श्रीमान् हेमचंद्राचार्य कृतं
अष्टमाध्याय स्वोपज्ञ वृत्ति तथा वृत्तिना
गुजराती भाषान्तर सहित
बने ग्रंथो.
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छपावी प्रगट करनार,
शेठ. दलीचंद पीताम्बरदास,
मीयागाम.
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वीर संवत २४३१
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अमदावाद
डायमंड ज्युबिलि अने श्री जैन प्रिन्टिंग प्रेसमां छाप्युं.
किंमत रु. १-०-०
विक्रम संवत १९६१ सन १९०५