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________________ प्राकृत व्याकरण षष्ठी एकवचन बहुवचन { तुह, तुज्झ, तुम्म, तुइ, वो, भे, तुज्झ, तुह्याण | तु, तुम्ह, तुह, तुह, तुव, तुम्हाण, तुमाण, तुहाण तुम, तमे, तुमाइ, दे, उम्हाण, तुवाण' इत्यादि | तुह्य । तइ, तए, तुमए, तुमे, तुसु, तुम्हेसु, तुह्येसु, तुहसु, तुमाई, तइ, तुम्मि, तुमसु, तुहेसु इत्यादि .. सप्तमी | तुमम्मि, तुवम्मि, तुहम्मि, तुज्झम्मि इत्यादि शौरसेनी में युष्मद् शब्द के रूप :प्रथमा तुम द्वितीया . तुमं तुम्हे .. १. हेमचन्द्र ३. ९९ के अनुसार-तइ, तु, ते, तुम्हं, तुह, तुहं, तुव, तुम, तुमे, तुमो, तुमाइ, दि, दे, इ, ए, तुम्भ, उन्भ, उम्ह, तुम्ह, तुज्झ, उम्ह, उज्म रूप होते हैं। २. हेमचन्द्र ३. १०० के अनुसार-तु, वो, भे, तुब्भ, तुब्भं, तुब्भाण, तुवाण, तुमाण, तुहाण, उम्हाण, तुज्भाणं, तुवाणं, तुमाणं, तुहाणं, उम्हाणं, तुम्ह, तुज्म, तुम्ह, तुज्झ, तुम्हाण, तुम्हाणं, तुज्माण, तुज्माणं रूप होते हैं। ३. हेमचन्द्र ३. १०१ के अनुसार-तुमे, तुमए, तुमाइ, तइ, तए, तुम्मि, तुवम्मि, तुमम्मि, तुहम्मि, तुब्भम्मि, तुम्हम्मि, तुज्झम्मि रूप तुम्हे ___४. हेमचन्द्र ३. १०३ के अनुसार-तुसु, तुवेसु, तुमेसु, तुहेसु, तुम्भेसु, तुम्हेसु, तुज्झेसु, तुवसु, तुमसु, तुहसु, तुम्भसु, तुम्हसु, तुमसु, तुन्भासु, तुम्हासु, तुज्मासु रूप होते हैं।
SR No.023386
Book TitlePrakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Prasad Mishra
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1961
Total Pages320
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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