________________
ज्योति कार्यालयसें मिलनेवाली पुस्तकें
०-१०
०
०
०
:: जैन :: दर्शन और अनेकांतवाद (पं. हंसराजजी) हिंदी कर्मग्रंथ भा. १ से ४ (पं. सुखलालजी) ४-८ योगदर्शन और योगविंशिका
१-८ नवतत्त्व-सार्थ जीवविचार,
०-५ दंडक न्यायप्रदीप (पं. दरबारीलालजी) गृहस्थजीवन ।
(ले० तिलकविजयजी) १–० परिशिष्ट पर्व दो भाग अनु०
१-८ जैन दर्शन (पं. बेचरदास ) अनु० ,, १-८
:: जैनेतर :: प्रपंच परिचय-प्रो. विश्वेश्वरजी (दर्शन संबंधी
उत्तम पुस्तक) १-० नीति विज्ञान (धर्मकी मीमांसा)
२-४ उदयपुर राज्यका इतिहास-सं. गौरीशंकर ओझा ९–० भारत के प्राचीन राजवंश-तीन भाग महाभारतकी समालोचना-तीन भाग, सं. दामोदरशास्त्री १-८ वेदका स्वयं शिक्षक-दो भाग ब्रह्मचर्य (विस्तारपूर्वक) छत अत-दो भाग
१-१२ वैदिक यज्ञ संस्था-दो भाग
२-० गोमेघ - तृतीय भाग संस्कृत पाठमाला २४ भागमें विस्तारपूर्वक