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________________ (१५) आपवा लेवानो पण कायदो बंधाय तो सहेज संहजमान्यातीमां तम पमे अने लमाइओ थइ ऐक्यता नंग थाय ने ते का. यदाने आधारे चालवा, होय तो वर्तणुक नंग थाय नहीं. हमेश मर रहे नंग करे तेहना प्रायश्चितनी व्यवहारी मरजादा जोशए अने एक गामना समे तो तेनुं समाधान कायदामा देश परदेश नपरीन कर्या होय ते करे एटले तेनो निकाल आवी जाय ने तकरार लांबी पोहोंचे नहीं, कारण जे. थोमा थोमा माणसमां पक्षपात अश् शके . आ जैन मंगल एकज थाय अने तेमनुं बंधारण कायदा- कयु होय ते बंधारण जे तोमे तेनी साधे देशे देश- जैन मंगल विरुः थाय तो जैननो कायदो तोमतां मर रहे अने बधा साथे विरुइता था शके नहीं. कायदा कर्या पली पण तेमां अमचण पड़े तो आलुं मंगल दर वरसे मले त्यारे कायदामा सुधारो करता जाय आ करवाश्री पण जैन कोमने सुखी थवानां साधन . . श्रा सिवाय काम सुधारानां करवानां घणांडे पण ए करनार माणसनी खामी ने. एखामी क्यारे दूर थाय ज्यारे जैन मंगलमांथी परोपकारी माणसोए आवं काम करवानी खुशी बताववी जोइए, तेमां बे वातनी खुशी बताववी जोइए. एकतो पोते जेटलुं काम करीशके तेटटुं काम करवानी खुशी बताववी जोशए. बीजुं जेटला पैसानी जे मदत करे वा चहाता होय ते. टला पैसानी मदत करवा तैयार थयलाए जणावQ जोइए. हवे ते कोने जगावे ए बंधारण सारं एकग थ परोपकारी अग्रेसर मुकरर करवा जोशए. अने पैसानी मदतमांश्री श्रावको कारनार करनार राखवा जोइए अने ते माणसोथी तथा परोपकारी महेनतुं नाइओनी महेनतथी जेटलुं जेटटुं बने ते बनावq तेम करतां करतां कोश्क वखत बधो सुधारो श्रवानो वखत मलशे.
SR No.023346
Book TitleAdhar Dushan Nivarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnopchand Malukchand Sheth
PublisherAnopchand Malukchand Sheth
Publication Year1903
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size18 MB
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