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वर्तमान चौबीसी के बाइसवें तीर्थकर बालब्रह्मचारी श्री नेमिनाथ भगवान के दीक्षा, केवलज्ञान और मोक्ष कल्याणक गिरनार पर हुए हैं। उसमें उनकी दीक्षा और केवलज्ञान सहसाम्रवन में तथा मोक्ष कल्याणक गिरनार की पाँचवी टूंक पर हुआ है।
आगामी चौवीसी में होनेवाले तीर्थंकर 1) श्री पद्मनाभ भगवान, 2) श्री सुरदेव भगवान, 3) श्री सुपार्श्व भगवान, 4) श्री स्वयंप्रभु भगवान, 5 ) श्री सर्वानुभूति भगवान, 6) श्री देवश्रुत भगवान, 7 ) श्री उदय भगवान, 8 ) श्री पेढाल भगवान, 9) श्री पोटील भगवान, 10) श्री सत्कीर्ति भगवान, 11 ) श्री सुव्रत भगवान, 12) श्री अमम भगवान, 13) श्री निष्कषाय भगवान, 14 ) श्री निष्कुलाक भगवान, 15) श्री निर्मम भगवान, 16 ) श्री चित्रगुप्त भगवान, 17 ) श्री समाधि भगवान, 18) श्री संवर भगवान, 19 ) श्री यशोधर भगवान, 20) श्री विजय भगवान, 21 ) श्री मल्लिजिन भगवान, 22 ) श्री देव भगवान इन बाईस तीर्थंकर परमात्मा का मात्र मोक्ष कल्याणक और 23) श्री अनंतवीर्य भगवान, 24 ) श्री भद्रकृत भगवान इन दोनों तीर्थंकर भगवानों का दीक्षा, केवलज्ञान और मोक्ष कल्याणक भविष्य में इस महान गिरनार गिरिराज पर्वत पर होगा ।
गिरनार महातीर्थ की भक्ति द्वारा श्री नेमिनाथ भगवान के आठ भाई रहनेमि, शांब, प्रद्युम्न आदि अनेक कुमार, कृष्ण महाराजा की आठ पटरानियाँ, साध्वी राजीमति श्रीजी आदि अनेक भव्यत्माओं ने इस गिरिराज पर मोक्ष पद को प्राप्त किया है। कृष्ण महाराजा ने तो तीर्थ भक्ति के प्रभाव से तीर्थकर नामकर्म बांधा है, इसलिए उनकी आत्मा आनेवाली चौबीशी में बारहवें तीर्थंकर श्री अमम स्वामी बन इस गिरिराज पर मोक्ष पद प्राप्त
करेंगे।
त्रितीर्थी