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प्रथमपरिवेद. १५ए म्मग्गो इत्यादि यावत् जंखमियं जं विराहिलं तस्स मिनामि उक्कम ॥१५॥
सव्वस्सवि दिवसि उचिंतिअम्नासिय उच्चिठिा तस्समि० सूत्रनणेमि सूत्र सानलेमि सूत्रनो आदेस.॥इति अतिचार॥
पी नवकारकही करेमि नंते कहेवू. पी श्वा मिगमि कहेवू. पनी वंदितुं सूत्र कहे, ते कही रह्या पनी पूर्वोक्त रीते बे खामणां देवां. पी अ नुहिमि कहीने खमावq. पठी सात लाख क देवा. पनी आयरिय नवनाए कहेवू पनी आ वस्सश्चाकारेण संदिसह लगवन् देवसियं प्रा यबित्त विशोधनार्थ करेमि कानस्सग्गं ए पाठ कही(१)नवकार गणी करेमिन्नते कहेवूपश्चा मिगमि तस्सउत्तरी कही (चार ) लोगस्स (अथवा) शोल नवकारनो कानसग्ग करी नमो अरिहताणं कही कानस्सग्ग पारी प्रगट लोगस्स कहीने वली पूर्वोक्त रीते बेखा मणां देवा. पी चनविदार, पच्चरकाण लेवं. पठी सामायिक, चनविसबो, वांदणां पडिकम j कानस्सग्ग, अने पञ्चरकाण, ए आवश्य