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इनकं जिवनभर की साधना के उपलब्धियों को संजोकर रखें, एवम् इनकी तरह ही प्राचीन लिपि की पावन शिक्षाको हर जिज्ञासुओसे अवगत करायें।
धन्य उनके मातापिता को, जिन्होंने ऐसी विरल विभूति को जन्म दिया। ऐस वयोवृद्ध लिपि प्रशिक्षक श्री ल. भो. के चरणकमलो में कोटि कोटि प्रणाम ।
डॉ. महिनी अश ___७, पुशमन सोसायटी,
बिग-२ सुभाषयो, २२ रोड, भेभन।२, अमावा-380052
मो. 96014C0975
પપ૮ + ૧૯મી અને ૨૦મી સદીના જૈન સાહિત્યનાં અક્ષર-આરાધકો